ChatGPT News: कोलकाता की एक 22 वर्षीय छात्रा ने हाल में ही कहा कि एआई चैटबॉट चैटजीपीटी (Ai ChatBot ChatGPT) से उसका जीवन पूरी तरह से बदल गया है. न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार, शरण्या भट्टाचार्य कई क्रिएटिव कंपनियों के लिए घोस्ट राइटिंग करती थी. एवज में उसे हर महीने 20 हजार रुपए ($240) मिला करते थे.
न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार, भट्टाचार्य ने बताया कि क्रिएटिव कंपनियों के लिए बेहतरीन SEO वाली राइटिंग करती थीं. लेकिन पिछले साल नवंबर में चैटजीपीटी के लॉन्च होने के बाद से उसका जीवन बदल गया है. छात्रा ने बताया कि 2022 के अंत तक, उन्हें काम मिलना कम होने लगा और महीने में सिर्फ एक या दो असाइनमेंट मिलते थे. काम देने वाली सारी कम्पनियां धीरे-धीरे एआई (AI) पर निर्भर होने लगी थी.
लड़की ने आगे बताया कि अब स्थिति ऐसी हो गई है कि पहले के अपेक्षा मुझे सिर्फ 10% ही काम मिलता है. एआई से सिर्फ मेरे काम पर ही नही बल्कि मेरी आमदनी कम होने से परिवार पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. भट्टाचार्य ने कहा कि मेरी मां साड़ियां बेचती है. पैसों की तंगी से हमारे परिवार को अचानक कटौती करना पड़ रहा है. अभी हमारे लिए काफी मुश्किल भरा समय है.
लड़की ने बताया कि अब उसका जीवन “बेहद अनिश्चित” हो गया है. चैटजीपीटी आ जाने की वजह से काम न के बराबर मिल रहा यानी मैं लगभग बेरोजगार ही हो चुकी हूं. मैं अब लगातार चिंतित रहने लगी हूं, पढ़ाई भी प्रभावित हो रहे हैं, मुझे घबराहट की वजह से दौरे भी पड़ने लगे हैं. पिछले दो महीने तो अत्यंत मुश्किल भरे रहे हैं.
भट्टाचार्य ने बताया ने मानव निर्मित और एआई निर्मित सामग्री पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दोनों में काफी अंतर होता है. और उन्होंने कंपनियों को अगर किया है किया है बड़े स्तर पर जॉब में कटौती की वजह से कौन प्रभावित होता है…इस पर विचार करें!
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उन्होंने आगे कहा चैटजीपीटी की वजह से सिर्फ भारत ही नहीं दुनियाभर के कुशल कॉपीराइटर प्रभावित हुए हैं. आशा करती हूं कि भविष्य में कुछ ऐसे समाधान ले जाएंगे जिसमें मनुष्य की कॉपीराइटिंग की कुशलता में एआई को शामिल कर दोनों को साथ मिलकर काम करने का मौका दिया जाएगा.
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Tags: Chatbots, Kolkata, Kolkata News
FIRST PUBLISHED : August 06, 2023, 05:00 IST
Author: Toman lal Sinha
Editor In Chief