यूपीएससी मेंस में एक प्रश्न-पत्र निबंध का होता है, जिसमें सामान्य अध्ययन के प्रश्न-पत्रों की तुलना में कम मेहनत से अधिक अंक लाए जा सकते हैं। निबंध के अंक अंतिम चयन सूची के निर्माण एवं रैंक निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका में होते हैं। चूँकि इस प्रश्न-पत्र में प्रतिभागी अच्छे निबंध लिखकर 160 से 170 अंक तक प्राप्त कर लेते हैं। हमारे पत्रकारों ने मुख़र्जी नगर में स्तिथ जाने माने UPSC कोचिंग सेंटर संस्कृति IAS Coaching के संस्थापक अखिल मूर्ति सर से बातचीत करके पता लगाया है की कैसे आप UPSC के निबंध के लिए तैयारी कर सकते हैं।
पाठ्यक्रम में निबंध-
द्वितीय चरण (मेंस) में कुल 9 प्रश्न-पत्र होते हैं, जिसमें एक प्रश्न-पत्र निबंध का होता है। निबंध के इस प्रश्न-पत्र में कुल 8 प्रश्न पूछे जाते हैं, जो 4-4 प्रश्नों के समूहों में दो खण्डों में विभाजित होते हैं। प्रत्येक खंड से 1 प्रश्न हल करना होता है यानी 2 प्रश्न हल करने होते हैं, जो कुल 250 अंकों के होते हैं।
कैसे लिखें अच्छा निबंध-
निबंध लेखन से प्रतिभागी की विश्लेषण क्षमता, रचनात्मकता, संवेदना, व्यवहार, अभिव्यक्ति आदि की जाँच की जाती है। प्रभावी प्रस्तुति से अच्छे अंक हासिल किए जा सकते हैं, जिसके कुछ टिप्स निम्नलिखित हैं-
- प्रश्न-पत्र से विषयों का चयन-
- दोनों खंडो के 4-4 प्रश्नों में से 1-1 का चयन करना है। सर्वप्रथम सभी प्रश्नों को ध्यान पूर्वक पढ़ें।
- तय करें कि किस विषय पर आपके पास सूचनाएं ज्यादा हैं एवं किसे प्रभावी तरीके से विश्लेषित कर सकते हैं।
- एक बार विषय के चयन एवं लेखन की शुरुआत के बाद बदलना समझदारी नहीं होगी।
- विषय के चयन के बाद इसकी ‘रूपरेखा’ (Framework) बना कर डिकोड करें ताकि लेखन के क्रम में कोई जरूरी बिंदु छूट न जाए।
- निबंध लेखन का एक प्रारूप होता है। अधिकांश निबंध इसी आधार पर लिखे जाते हैं, जो निम्नलिखित है-
- परिचय एवं पृष्ठभूमि
- विषय वस्तु(मुख्य मुद्दा/समस्या/विषय)
- विषय से संबंधित वर्तमान परिदृश्य
- पक्ष एवं विपक्ष(यदि आवश्यक हो तो)
- सकारात्मक और नकारात्मक पहलू
- चुनौतियां/आलोचना
- निष्कर्ष /सुधार/आगे का रास्ता
- निबंध की शुरुआत किसी प्रभावी वाक्य से करें; जैसे कोई कहानी, कविता की कोई पंक्ति, शायरी, महान व्यक्ति के विचार आदि जो भी चयनित विषय से जुड़ रहा हो लिख सकते हैं, बशर्ते यह चिपकाया हुआ न लगे।
- विषय वस्तु की प्रस्तुति बहुआयामी होनी चाहिए, जिसमे राजनीतिक, आर्थिक, समाजशास्त्रीय, तकनीकी, कानूनी, पर्यावरण, नैतिकता आदि आयामों का उपयोग कर सकते हैं।
- विचारधारा संतुलित होनी चाहिए एवं प्रतिभागी की प्रस्तुति किसी धर्म, जाति, संप्रदाय, नस्ल, लिंग आदि के प्रति पूर्वाग्रही नहीं होनी चाहिए एवं विषयवस्तु तर्कसंगत दृष्टिकोण से लिखें।
- प्रस्तुति रोचक हो, जो परीक्षक को उत्तर-पुस्तिका से जोड़े रखे। इसमें आवश्यक चार्ट, चित्र, ग्राफ आदि शामिल करें।
- लेखन में भाषा, वाक्य-विन्यास, प्रवाह, शब्द चयन, वर्तनी आदि का विशेष ध्यान रखें।
- अपने निबंध में लिखने से बचें; जैसे-
- लेखन व्यक्तिगत न होने पाए
- सिर्फ समस्याएँ न पेश करें, समाधान भी सुझाएँ
- आधारहीन आलोचना से बचें
- अंत में निष्कर्ष दें, जो भविष्योन्मुखी एवं आशावादी हो और समस्या का व्यवहारिक समाधान प्रस्तुत करे। विषय भले ही उत्तेजक हो लेखन सहज शब्दों में ही पूर्ण करें।
कम से कम शब्दों में पूरे विषय को स्पष्ट करें कुछ शायरी, कविता, महापुरुषों के कथन आदि का संग्रह कर याद कर लें। इसके पाठ्यक्रम की सीमाएं व्यापक हैं एवं किसी एक विशेष पुस्तक से तैयारी नहीं की जा सकती है। हालाँकि आयोग पूछे जा चुके प्रश्नों का दोहराव न के बराबर करता है लेकिन यदि अभ्यर्थी विगत वर्षों में आए प्रश्नों को उक्त टिप्स की मदद से हल कर लेंगे तो परीक्षा सहज हो जाएगी ।
Author: Toman lal Sinha
Editor In Chief